शेरनी का घमंड
बहुत समय पहले की बात है जानवरों की राज्य में एक शेरनी रहती थी वह बहुत ही सुंदर थी और उसका पति जंगल का राजा था और मैं बहुत ही दयालुता एवं न्यायप्रिय था मगर उसकी पत्नी बहुत ही घमंडी थी
और वह किसी से बात ही नहीं करती थी उधर ही थोड़ी दूरी पर बंदरों का एक झुंड रहता था
उन बंदर बने शेरनी को नमस्ते किया मगर शेरनी ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया वह आपस में बात करते हुए बोले कि यह इतनी घमंडी क्यों है यह अपने आपको इतना बलशाली मानती है की हमें तो कुछ मानती ही नहीं अगर कभी इससे हमारी मदद की जरूरत पड़ी तो हम उसकी मदद नहीं करेंगे !
एक दिन जब शेरनी सो कर उठी तो उसने देखा कि उसके बच्चे गायब हैं
और फिर वह हैं पागलों की तरह अपने बच्चों को हर जगह ढूंढती रही
जब उसे उसके बच्चे कहीं नहीं मिले तो वह वापस बंदरों के पेड़ के पास पहुंची और बोलने लगी बंदर
जी बंदर जी बंदर जी बंदर जी
यह सुनकर बंदर अपने घर से बाहर आते हैं वह कहते हैं अरे रानी साहिबा आप यहां
शेरनी ने बंदरों से पूछा कि बंदर भैया क्या आपने मेरे बच्चों को कहीं देखा है बंदरों ने जवाब दिया कि नहीं हमने आपके बच्चों को नहीं देखा हम तो आपके बच्चों से दूर ही रहते हैं वही इतनी जोरों से बात कर रही थी कि यह सुनकर सारे जंगल वाले वहां इकट्ठा हो गए
फिर शेरनी ने हिरण से पूछो कि क्या तुम मेरी मदद करोगी हिरण नहीं जवाब दिया नहीं मैं तो बहुत कमज़ोर प्राणी हूं भला मैं क्या आपकी मदद करूंगी
उसके बाद हिरण के पास मैं ही एक भालू बैठा था शेरनी ने उस भालू से पूछा क्या भालू जी आप मेरी मदद करोगे
भालू ने जवाब दिया नहीं मैं तो बहुत बदसूरत हूं और तुम ही ने तो अपने बच्चों को मुझसे दूर रहने के लिए कहा शेरनी रोते हुए बोली क्या कोई मेरी मदद करेगा
शेरनी को अपनी गलतियों का बड़ा अफसोस हुआ वह रोते हुए बोली कि मुझे माफ कर दो यह सब मेरी ही गलती है अगर मैं आपके साथ अच्छा व्यवहार करती तो शायद यहां कोई मेरी मदद करता मैंने आपके साथ बहुत गलत व्यवहार किया मैंने अपने घमंड के चलते किसी को कुछ माना ही नहीं सभी को छोटा समझती रही
सभी जानवरों को शेरनी पर दया आ गई और वह बोले कि हम तुम्हारे बच्चों को ढूंढने में मदद करेंगे हम तो बस तुम्हें एहसास दिलाना चाहते थे कि हमें कैसा लगता है जब तुम हमसे इस तरह का व्यवहार करती हो उसके बाद सभी जानवर श्रेणी के बच्चों को ढूंढने में लग गए
आखिरकार जिराफ ने बच्चों को ढूंढ ही निकाला वह नदी के पास ही कछुए के बच्चे के साथ खेल रहे थे
और शेरनी ने कवि घमंड नहीं किया वह सबके साथ मिलजुल कर रहने लगी
Story by ____Monu Rajak
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